विदित हो कि बिहार का राघोपुर विधानसभा सीट हाई प्रोफाइल सीटों में रही है.
लगभग डेढ़ दशक से भी ज्यादा वक्त से इस सीट पर लालू यादव और उनके परिवार का दबदबा रहा है. राघोपुर सीट से पहली बार 1995 में लालू यादव ने किस्मत आजमाई थी.लालू प्रसाद यादव के लिए राघोपुर सीट तत्कालीन सीटिंग विधायक उदय नारायण राय ने सीट छोड़ी थी. उसके बाद वहां से लालू यादव 2 बार 1995 और 2000 में विधायक चुने गए. इसके बाद 2005 में उनकी सियासी विरासत पत्नी राबड़ी देवी ने संभाली, लेकिन 2010 के चुनाव में यहां से राबड़ी देवी को जेडीयू के सतीश यादव से मुंह की खानी पड़ी थी. उसके बाद 2015 में जब लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार का गंठबंधन हुआ, तब से राघोपुर सीट से लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव चुनाव जीत कर दुसरी बार विधायक बने हैं, जो फिलहाल अभी बिहार के डिप्टी सीएम हैं.