प्रश्न उठाते हुए बोला कि जिस दल के पास जीरो एमपी है वो तय करेगा कि देश कौन चलाएगा?
ऐसा संभव है?इंडिया (I.N.D.I.A.) और एनडीए गुट की पोल खोलते हुए बोला कि दोनों साइड देखिए 26 से 27 दल बैठते हैं उसमें भी दो तिहाई दल ऐसे हैं जिनके एक भी सांसद नहीं है. ये तो संख्या गिनाने के लिए दलों की परिपाटी है और कर्मकांड है कि भैया सबको बैठा लीजिए. ये बिल्कुल मतलब नहीं है कि ये राष्ट्रीय सियासत को उलट-पलट कर देंगे.नीतीश कुमार के प्रधानमंत्री बनने के सपने पर ताना कसते हुए प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश के पास 42 विधायक हैं और 16 एमपी हैं जो पिछले गठबंधन में वो जीते थे. इस बार कितना जीतेंगे ये बिहार के लोगों को हमसे बेहतर मालूम है. जब आपकी ताकत नहीं है, आपके 10 सांसद नहीं हैं दो आप देश की सियासत में क्या भूमिका अदा कर सकते हैं?