जिले के कल्याणपुर में जन सुराज पदयात्रा (Jan Suraaj Padyatra) के सूत्रधार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) कई मुद्दों को लेकर बुधवार को मीडिया से वार्तालाप की. इस दौरान उन्होंने सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) और तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) पर खूब जमकर आक्रमण बोला. उन्होंने बोला कि बिहार की जनता ने जो कार्य नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है. दुनिया कितने दिनों तक रहेगी, कब समाप्त हो जाएगी. इस पर बात करते हैं. नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का प्रभाव हो गया है. पिछले एक वर्ष की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए, आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं. बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं.प्रशांत किशोर ने बोला कि आपने कभी नीतीश कुमार को किसी फैक्ट्री बनाने को लेकर जिक्र करते सुना? नीतीश कुमार के लिए आज जिक्र का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है. मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं.
क्या यही नीतीश कुमार का कार्य है?
नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं? या मनोवैज्ञानिक हैं? आगे प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए समाज के लोगों से निवेदन कि इन नेताओं से आप कोई अपेक्षा न करें. इन नेताओं से आप क्या अपेक्षा करते हैं? तेजस्वी यादव जैसे लोग चाहते हैं कि समाज में लोग एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते रहें. समाज अगर पिछड़ा रहेगा तभी न जाकर 9 वीं पास आदमी को लोग अपना नेता मानेंगे.चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन लिया तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है, भले उसको भाषा और विषय का ज्ञान नहीं हो. कोई पढ़ा-लिखा आ जाए तो हम और आप बात करते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा. आज देश में भ्रष्टाचार कहां नहीं है? नेता कहां झूठ नहीं बोल रहे हैं? इसके बावजूद आज बिहार जैसी भयावह स्थिति देश के किसी दूसरे राज्य में नहीं है. क्या कोई तमिलनाडु, महाराष्ट्र, केरल जैसे राज्यों से बिहार में आकर मजदूरी कर रहा है? मगर बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह मजदूरी करने जा रहे हैं.