इस दौरान मांझी ने जेडीयू के मंत्री श्रवण कुमार के बयान पर भी जवाब दिया.
बोला कि जहां तक श्रवण कुमार की बात है तो श्रवण कुमार बोल रहे हैं इसका मतलब समझिए कि नीतीश कुमार बोल रहे हैं. प्रश्न उठाया कि नीतीश कुमार की इच्छा नहीं होती तो इतना आगे पीछे क्यों करते? सोच रहे हैं कि अब बिहार में दाल नहीं गलने वाली हो तो वहां कहीं मौका मिल जाए.बता दें कि श्रवण कुमार ने बीते रविवार (27 अगस्त) को यह बयान दिया कि नीतीश कुमार की एक ही इच्छा है कि केंद्र में इंडिया गठबंधन की सरकार बने. इसके लिए बीजेपी की विचारधारा से जितने भी अलग दल हैं उन सबको एक साथ लाने का प्रयत्न किया जा रहा है. नीतीश कुमार की इच्छा नहीं है. लोग देश में जिक्र करते रहते हैं इसलिए मैं समझता हूं कि जो उनका लक्ष्य है वो है एनडीए को हटाना जिस पर वो कार्य कर रहे हैं. बिहार, यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र, राजस्थान हर जगह नीतीश कुमार की जिक्र होती है कि पीएम के लायक हैं.