इसको लेकर लोगों के अंदर डर भी था.
प्रशांत किशोर ने रविवार को पूसा में जन संवाद के दौरान बोला कि बिहार में पिछले 6 महीने में जो लोगों के अंदर डर था. इस महागठबंधन की सरकार को लेकर वो कहीं न कहीं चरितार्थ और उससे भी बदतर होते दिख रहा है. पिछले कुछ दिनों पहले ही समस्तीपुर में दारोगा की कत्ल हो गई थी, ये उसका उदाहरण है. हाल ही में जब हम लोगों ने जोड़ा था तो पता चला कि इस वर्ष 18 मुखिया की कत्ल हुई है और करीब करीब 7 चुने गए सरपंच मारे गए हैं. मारपीट डकैती, अपहरण जैसी आपराधिक घटनाओं का तो हिसाब ही नहीं है.चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि पद यात्रा करके जब मैं फरवरी-मार्च में सीवान पहुंचा तो उसके बाद रोजाना कोई न कोई आदमी मुझे लॉ एंड ऑर्डर के बारे में बताता है. बता दें कि प्रशांत किशोर पिछले वर्ष 2 अक्टूबर से बिहार में पदयात्रा पर निकले हुए हैं. गांव-शहर, गली-मोहल्ले घूम-घूमकर निरंतर लोगों से संवाद कर रहे हैं. इस दौरान नेताओं और पार्टियों कई मुद्दों को लेकर तीखा प्रहार कर रहे हैं.