जितने महीने बचे हैं वो जोड़ लें. उसके बाद कोई गणित नहीं चलने वाला है.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने बोला कि कुछ महीने पहले ललन सिंह ये वर्णन दिया था कि बिहार के जितने पत्रकार जो सरकार के विरुद्ध लिख रहे हैं, ये शराब माफिया से जुड़े लोग हैं. पत्रकार जो लिख रहे हैं, वे शराबबंदी के विरुद्ध हैं. क्या बिहार के पत्रकार ऐसे हैं? जेडीयू के अध्यक्ष ऐसा इसलिए बोल रहे हैं, क्योंकि उनके अंदर अहंकार आ गया है.आगे चुनाव रणनीतिकार ने बोला कि जेडीयू के नेताओं के अंदर इतना अहंकार आता कहां से है? लोकतंत्र में इतना अहंकार इन नेताओं के अंदर तब आता है जब इन्हें ये एहसास हो जाए कि हमारी कुर्सी जा नहीं सकती. पत्रकारों की हालत बिहार में वो है कि आप सबका दुख लिख सकते हैं, लेकिन अपना दुख नहीं लिख सकते हैं. आज पत्रकारों की जो दुर्दशा है बिहार में वो बहुत घटिया है. हम यहां एक वर्ष से बिहार में घूम रहे हैं और पत्रकारों से मिल रहे हैं.