ऐसी बातें दिखती है कि बिहार की आज ऐसी दुर्दशा क्यों है?
नीतीश कुमार से ये प्रश्न जरूर होना चाहिए कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से बिलियन डॉलर का नया इकनॉमिक बन रहा है, लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है, इस पर आपका क्या बोलना है तो नीतीश कुमार बोलेंगे छोड़िए जाने दीजिए ये सब से कुछ होता है, उनके हिसाब से नहीं होता होगा.जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार ने बोला कि सिर्फ 400 रुपए वृद्धा पेंशन देने से होगा. 10 वर्ष पहले साइकिल बाटें, उससे बिहार की तरक्की होगी? इस आदमी ने पूरे बिहार को अनपढ़ और मजदूर बना दिया. नीतीश कुमार जैसे लोग चाहते हैं कि बिहार अनपढ़ बना रहे तभी जाकर इनको और इनके 9वीं पास तेजस्वी यादव जैसे आदमी को अपना नेता मानेगा.चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि आज दुनिया बात कर रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया बात कर रही है कैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर लाखों लोगों को नौकरी मिल सकती है. हजारों बिलियन डॉलर का अर्थव्यवस्था खड़ी की जा सकती है. बिहार जैसे राज्य के मुख्यमंत्री बोल रहे हैं कि मोबाइल का प्रयोग करने से दुनिया समाप्त होने वाली है. ऐसी चीजें दिखाता है कि बिहार की दुर्दशा क्यों है. नीतीश कुमार जैसे लोग 1960 में ही जी रहे हैं. धोती, कुर्ता-पायजामा पहनकर निकल गए तो उन्हें लगता है वही नेता है. आज देश में सेमीकंडक्टर की फैक्ट्री लगाने का प्रयत्न किया जा रहा है. फैक्ट्री पहले महाराष्ट्र में लगने की बात हो रही थी. आज गुजरात में लगाने की बात हो रही है. एक सेमीकंडक्टर लगाने की फैक्ट्री का खर्च 20 बिलियन डॉलर है.