तारीख पर तारीख को लेकर कई फिल्में भी बनाई जा चुकी हैं.
नई व्यवस्था लागू होने पर इन सब परेशानियों से लोगों को मुक्ति मिलेगी.विजय कुमार सिन्हा ने बोला कि गुलामी की सभी निशानियों को हटाने में एकमात्र बीजेपी ही सक्षम है. कांग्रेस पार्टी ने देश में 55 सालों से अधिक समय तक राज करने के बावजूद इन कानूनों में परिवर्तन के बारे में नहीं सोची. वे आज भी राजद्रोह जैसे कानून के पक्षधर है. देश में जबकि लोकतंत्र है. गरीबों को तेजी से इंसाफ मिले, उनकी प्राथमिकता में नहीं था. विपक्षी गठबंधन में भ्रष्टाचारी नेताओं की संख्या अधिक है, इसलिए उनको ऐसी न्याय व्यवस्था चाहिए जिसमें अधिक से अधिक वक्त लगे और उन पर कानूनी शिकंजा नहीं कसे.नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि कानून में इन बदलावों के बाद आम जनों को पुलिस के मनमानी रवैया से राहत मिलेगी. समय सीमा तय हो जाने पर लोगों को कोर्ट कचहरी के अनावश्यक चक्कर लगाने से मुक्ति मिलेगी. पूर्व में 2020 भारत सरकार ने सैकड़ों श्रम कानूनों में सुधार और परिवर्तन कर एक समेकित श्रम संहिता का निर्माण किया था, जो देश के श्रमिकों के लिए मील का पत्थर साबित हुआ है. फैक्टरी में हड़ताल, तालाबंदी और अनुपस्थिति बंद हो गई और उत्पादकता बढ़ गई, जिसके वजह से श्रमिकों के भुगतान में भी एकरूपता और निरंतरता बढ़ी है.