अविश्वास प्रस्ताव पर विजय चौधरी ने बोला कि अविश्वास प्रस्ताव का परिणाम जो भी हो,
नतीजा संख्या बल के अनुकूल होता है. मणिपुर की वारदात में केंद्र और राज्य सरकार दोनों असफल रही है. दोनों जगह बीजेपी है और घटना पर नियंत्रण पाने में असफल है. गृह मंत्री के तीन बार दौरे के बाद भी शांति स्थापित नहीं हो पाई है. यह देश के लिए चिंता की बात है. मणिपुर की बीजेपी सरकार ने जिस तरीके से पक्षपाती रवैया अपनाया है, उससे लोगो में असंतोष की भावना बढ़ी है. केंद्र एक भारत, श्रेष्ठ भारत की नारे गढ़ता हो, लेकिन अलग-अलग राज्यों में घटानाएं चिंता का विषय है. वित्त मंत्री ने बोला कि पंजाब या उसके बाहर खालिस्तानी समर्थक सिर उठाने लगे हैं. कश्मीर के स्थिति भी ठीक नहीं है. उपद्रव का फायदा उठाने सीमा पार से दुश्मन भी नजर लगाए बैठे हैं. केंद्र सरकार पूरे देश को विश्वास में लेकर शांति के लिए करवाई करे. संसद में भले ही अविश्वास प्रस्ताव गिर जाए, लेकिन घटनाओं को नजर अंदाज कैसे किया जाएगा. जनधन योजना पर उन्होंने बोला कि जनधन योजना के पहले बिहार में सरकार ने कई कल्याणकारी योजना चलाई थी. बैंको में गरीबों के खाते खुलवाए गए थे. डीबीटी और साइकिल योजना चलाई गई. 2014 में बीजेपी की सरकार बनी उससे पहले बिहार योजना चला रही है.वहीं, जातीय गणना पर मायावती और देश के अन्य नेताओं के वर्णन आने पर जेडीयू नेता ने बोला कि यह पहले से मना जा रहा था. बिहार में हो रहे जातीय गणना की मांग देश के अन्य राज्यों में भी उठेगी. जातीय गणना में कौन लोग न्यायालय में जा कर पेंच फंसा रहे हैं, उनके बारे में पता कर लीजिए. महागठबंधन की सरकार ने जो कार्य किया है उससे बीजेपी को बेचैनी हो गई है.