राजीव रंजन ने बोला कि अविश्वास प्रस्ताव के वोट को लेकर विपक्ष को किसी चमत्कार की नहीं उम्मीद थी. हम लोग पीएम मोदी के घंमड, केंद्र सरकार की नींद को तोड़ना चाहते थे. पीएम विपक्ष के 'इंडिया' गठबंधन को घमंडिया गठबंधन बता रहे थे.
बेइज्जत करने का प्रयास कर रहे थे.
विपक्ष सदन से चला गया. पीएम मणिपुर पर गंभीर हो जाएं. मणिपुर जाएं, लेकिन इसके लिए उनके पास वक्त नहीं है.बता दें बीजेपी के क्षेत्रीय पंचायती राज परिषद में पीएम मोदी ने विपक्ष पर बड़ा आक्रमण बोला. मोदी ने बोला कि विपक्ष के लोग बीच से ही भाग गए. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से डर गए थे. वे नहीं चाहते थे कि वोटिंग हो. वोटिंग होती तो घमंडिया गठबंधन की पोल खुल जाती. कौन किसके साथ है ये दूध का दूध और पानी का पानी हो जाता. विपक्ष के लोग इसलिए बचने के लिए भाग गए. इन लोगों ने मणिपुर के लोगों के साथ विश्वासघात किया. सत्र शुरू होने से पहले गृहमंत्री ने खत लिखकर बोला था कि मणिपुर पर जिक्र होनी चाहिए. इतने संवेदनशील विषय पर पक्ष विपक्ष में विस्तार से बात होती तो मणिपुर के लोगों को भी मरहम लगता और समस्या के समाधान के रास्ते निकल आते, लेकिन ये लोग मणिपुर पर जिक्र नहीं चाहते थे.