जहां घटना करनी होती है वहां शाम के 8 बजे ही आ जाते हैं और ट्रक को बालू या रेत के टीले के पास खड़ी कर देते हैं.
टीम के अन्य लोग बोलेरो या पिकअप से वहां से पहले घूम कर रेकी कर लेते हैं. भैंस को चुराने के बाद उसे बालू के सहारे ट्रक पर चढ़ाकर उसे भेज स्वयं भी पिकअप व अन्य गाड़ियों पर चढ़कर भाग निकलते हैं. गैंग में 4 लोग हथियार भी रखते हैं. इनका कार्य है कि अगर गांव के लोग जग जाएं तो हवाई फायरिंग करते हुए सभी साथियों को सुरक्षित निकालना है.यह गिरोह उजियारपुर थाना क्षेत्र के शहबाजपुर गांव में 14 अगस्त की रात पहली बार पहुंचा था. इससे पूर्व यह गिरोह बिहार के गया, जहानाबाद, शेखपुरा, मोतिहारी, सीतामढ़ी आदि जिला में भैंस चोरी की वारदात को अंजाम दे चुका है. मोहिउद्दीननगर थाना क्षेत्र का एक युवक जो इनका लाइनर है उससे इनलोगों ने समस्तीपुर में संपर्क किया था. ये पहले इनके गैंग में सम्मिलित था और नालंदा में ही रहता है. 9 से 13 अगस्त तक चोरों ने मोहनपुर ओपी, पटोरी और उजियारपुर में भैंस चोरी की घटना को अंजाम दे चुके थे.एसपी विनय तिवारी ने गिरोह के बारे में यह भी बताया कि 14 अगस्त की रात घटनास्थल पर 32 लोग उपस्थित थे. उजियारपुर में गांव के लोगों के जग जाने से इनके द्वारा हवाई फायरिंग भी की गई थी. भैंस चुराने आने की सूचना पर मोहनपुर ओपी थानाध्यक्ष नंदकिशोर यादव इनका पीछा कर रहे थे. उन्हें गिरोह के सदस्यों के संख्या बल का सही अंदाजा नहीं लग सका. बावजूद वह 2 चोर को अपनी गिरफ्त में ले लिए. पहले चोर के साथियों ने हवाई फायरिंग की. उसके बाद चोर ने उनके सिर में बाईं आंख के ऊपर गोली मार दी. उपचार के दौरान वह शहीद हो गए.
गिरफ्तार चोरों ने पूछताछ में यह बताया कि करायबाजार में दो युवक हैं. जो भैंस दुधारू नहीं होती हैं उसे कटने भेज देते हैं और जो दुधारू होती हैं उसे महिमा गांव और ग्वाल बिगहा गांव में बेच देते हैं. पुलिस ने उनको भी चिह्नित करते हुए स्थानीय थाने को इसकी जानकारी दे दी है. घटना में सम्मिलित अन्य चोरों की गिरफ्तारी के लिए खास टीम छापेमारी कर रही है.