बैंकों को यह भी राय दी गई है कि यदि जरुरी हो तो अयोग्य किसानों को नए सिरे से अनुस्मारक भेजें.
उसके अलावा बैंकों को अयोग्य किसानों के खाते से लेन-देन पर रोक लगाने को भी बोला गया है."यह भी बोला कि कुछ बैंकों ने अब तक अयोग्य लाभार्थी किसानों से 10.31 करोड़ रुपये वापस ले लिए हैं. उन्होंने बोला कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक और दक्षिण बिहार ग्रामीण ने भी अयोग्य लाभार्थी किसानों से कुछ राशि वापस ले ली है. बताया कि इस योजना के जिन लाभार्थियों को सरकार ने आयकर का भुगतान करने या अन्य वजहों से अयोग्य पाया है, उन्हें अब तक प्राप्त राशि सरकार को वापस करनी होगी. आलोक रंजन घोष ने बताया कि केंद्र सरकार ने देश के छोटे और सीमांत किसानों को न्यूनतम आय मदद देने के लिए यह योजना प्रारंभ की थी, लेकिन योजना के तहत हजारों अपात्र किसानों को भी राशि बांट दी गई.बता दें कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एक केंद्रीय योजना है जो भारत सरकार से शत प्रतिशत वित्त पोषित है. 1 दिसंबर, 2018 से इस योजना के तहत सभी भूमि धारक किसान परिवारों को 6000 रुपये प्रति साल तीन समान किस्तों में आर्थिक मदद के रूप में दिए जाते हैं. राज्य सरकारें उन किसान परिवारों की पहचान करती हैं जो योजना के दिशा-निर्देशों के अनुकूल मदद के लिए पात्र हैं और धनराशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेजी जाती है.