इस तरह की बैठकों में सीट शेयरिंग कर ही नहीं सकते हैं.
कोऑर्डिनेशन कमेटी को लेकर सुशील मोदी ने बोला कि इसमें बहुत होगा तो रैली के बारे में जिक्र की जा सकती है कि कहां-कहां कर सकते हैं. अब तो झगड़ा प्रारंभ हो गया प्रधानमंत्री पद को लेकर. ललन सिंह ने नीतीश कुमार का बायोडाटा जारी किया कि इतने वर्ष तक मुख्यमंत्री रहे, ईमानदार हैं, इनको महागठबंधन में प्रधानमंत्री का उम्मीदवार होना चाहिए. उधर टीएमसी के लोग ममता बनर्जी का नाम आगे कर रहे हैं, तो पहले तय तो करें कि उनके प्रधानमंत्री पद का दावेदार कौन होगा?सुशील मोदी ने बोला कि नीतीश कुमार कुछ भी बोल लें लेकिन मन में तो है कि एक दिन के लिए भी प्रधानमंत्री बन जाएं. नीतीश कुमार ने जो दो दिनों तक बैठक की तो बाहर उनके लोग नारा लगा रहे थे, ललन सिंह ने भी पीएम पद को लेकर खुलकर बोल दिया है. कोई नेता किसी को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है. हर आदमी के मन में लड्डू फूट रहा है कि हम प्रधानमंत्री बन जाएं. बोला कि अभिषेक बनर्जी नहीं आ रहे हैं तो ममता बनर्जी क्यों नहीं आ रही हैं? किसी और को क्यों नहीं भेजा? इस तरह की कोऑर्डिनेशन कमेटी में केमिस्ट्री मिलनी चाहिए. जो हैं कमेटी में उनको तो फैसला लेने का पावर ही नहीं है.