आज महिला आरक्षण बिल की आवश्यकता नहीं होती.
देश की जनता जान गई है कि आप भारी जुमलेबाज हैं. इस दौरान अपनी बात बोलते हुए ललन सिंह ने अपनी सरकार की उपलब्धि गिनाई. बोलने लगे- "बिहार से सीखो यार, अभी बता रहे हैं. बिहार पहला राज्य है जब 2005 में सरकार बनी तो 2006 में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया. 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तो 2016 में 35 प्रतिशत आरक्षण दिया. आपकी तरह 4.5 वर्ष इंतजार नहीं किए. पटना, मुंबई बेंगलुरु में बैठक हुई तो आपकी घबराहट प्रारंभ हो गई.
ललन सिंह ने बोला कि इस सरकार को महिला सशक्तिकरण से मतलब नहीं है. इस सरकार को कुर्सी से मतलब है. कुर्सी को बचाने के लिए ये कोई भी जुमलेबाजी कर सकते हैं. आप आज सदन में एलान करिए कि देश में जातीय आधारित गणना कराएंगे. ये आप नहीं कर सकते हैं. मोहन भागवत ने क्या बोला था कि आरक्षण पर तुरंत विचार होना चाहिए. आरक्षण आपकी कृपा से नहीं है. संविधान के प्रावधान के अनुकूल है. आज आपने महिला आरक्षण बिल लाया तो इसमें भी अति पिछड़ों को पिछड़ों को आरक्षण दिया जाना चाहिए.