पहले वो एथलेटिक्स की खिलाड़ी रही.
उसे जब रग्बी खेलना सिखाया तो उसने इस खेल में अच्छा प्रदर्शन करना प्रारंभ कर दिया जिसका नतीजा आज सामने है. अंशु के इस कामयाबी के पीछे उसके पिता पवन कुमार का भरपूर मदद और मेहनत है. निर्मली बाजार में एक छोटा सा मिठाई का दुकान करने वाले पवन कुमार ने कभी भी अंशु को खेलने और तैयारी में बाधा उत्पन्न नहीं होने दिया. वहीं, जिला एथलेटिक्स संघ के सचिव सर्वेश कुमार झा ने बोला कि जब मैने पहली बार अंशु को स्टेडियम में दौड़ते देखा था तभी मैने बोला था ये लड़की एक दिन बहुत आगे तक जाएगी, वो नतीजा आपके सामने है. अंशु का भारतीय टीम में सिलेक्शन होने पर उसके परिवार वाले सहित जिला वासियों ने खुशी जाहिर की है. अंशु की इस उपलब्धि पर ने जिला वासियों ने खुशी व्यक्त किया. सभी को आशा है की चीन के ताइपे से अंशु मेडल जीत कर देश सहित अपने राज्य और अपने जिले का नाम रोशन करेगी.