आनंद मोहन ने यह भी बोला कि चर्चा हो रही थी महिला आरक्षण बिल पर तो मनोज झा ठाकुरों की बात क्यों करने लगे?
महिला आरक्षण बिल में ठाकुर कहां से आ गए? महिलाओं को उनका अधिकार मिले. 33 प्रतिशत क्या आधा हिस्सा उनको मिले. यह बातें हम और मेरी पत्नी संसद में सालो पहले उठा चुके हैं. महिलाओं का मुद्दा उठाने के चक्कर में मेरा सिर फटा था, हाथ कट गया था, मेरी पत्नी की गिरफ्तारी हुई थी. हम लोगों से ज्यादा क्या कोई महिलाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए संघर्ष किया है.आनंद मोहन ने बोला, "राजनीति का व्यवसाय हम लोग नहीं करते हैं. पार्टी वाले बोलते रहेंगे अनाप शनाप तो क्या हम, मेरा बेटा चुपचाप सुनते रहेंगे? ऐसा कभी नहीं होगा. अपनी रियासत, जमीन लुटाकर देश, अपने समाज के लिए खड़े रहे हैं, यह देश सबका है. मैं बीजेपी के संपर्क में नहीं हूं, न बीजेपी में जाना है. बीजेपी से वैचारिक मतभेद है. पहले हमको कई बार बीजेपी से मंत्री बनने का ऑफर आया है."बता दें कि आरजेडी विधायक चेतन आनंद ने ही सबसे पहले सोशल मीडिया पर मनोज झा के विचारों का विरोध प्रारंभ किया. उसके बाद उनके पिता आनंद मोहन, चेतन आनंद की बहन सुरभि, सबने बयान दिया. यहां तक कि अब जेडीयू के नेता भी मनोज झा के विरुद्ध हो गए हैं. हालांकि आरजेडी के नेताओं ने चाहे शक्ति सिंह यादव हों, शिवानंद तिवारी हों, इन लोगों ने समर्थन किया है.