सरकार शिक्षक भर्ती रोकने का बहाना ढूंढ रही है.
नेता प्रतिपक्ष ने आगे यह भी बोला कि शिक्षा विभाग के बजट में राशि का प्रावधान नहीं किया गया है. शिक्षक भर्ती को सालों से लटका कर सरकार ने अपनी मंशा पूर्व में ही स्पष्ट कर दी है. लोकसभा चुनाव को देख कर आनन-फानन में शिक्षक बहाली प्रक्रिया प्रारंभ की है. 15 सालों में इन्हें कभी याद नहीं आया. सरकार की गलत नीतियों के कारण करीब 4 लाख अभ्यर्थियों को आर्थिक नुकसान होने जा रहा है. इन्हें मुआवजा देकर इनके नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए.विजय सिन्हा ने बोला कि सरकार ने नियोजित शिक्षकों के लिए भी राज्यकर्मी का दर्जा पर झूठा आश्वासन दिया है. उसे कार्यान्वित करने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा है. शिक्षकों को निराश करना सरकार की नियति बन गई है. पहले लाठीचार्ज कर उन्हें पिटवाती है फिर मरहम लगाने का नाटक करती है. शिक्षा विभाग की अराजकता किसी से छिपी नहीं है. बहाली के नाम पर इनकी नौटंकी राज्य की जनता देख रही है. वक्त आने पर इन्हें सबक सिखाएगी.