बिहार सरकार के द्वारा शिक्षकों को लेकर आए दिन कई फरमान जारी किए जा रहा हैं, जिसे लेकर शिक्षक विरोध प्रदर्शन कर रहे है। हाल में शिक्षा विभाग की ओर से आदेश जारी किया गया जिसके तहत शिक्षकों की छुट्टी में कटौती कर दी गई है।
इसको लेकर शिक्षक संघ 5 सितंबर को प्रतिशोध दिवस के रूप में मनाएगा। शिक्षक दिवस के दिन हाथ में काली पट्टी बांधकर प्रदेश के तमाम विद्यालयों में टीचर शैक्षणिक कार्य करेंगे।
वहीं 9 सितंबर को जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला दहन करेंगे। इसके आगे फिर एक बैठक की जाएगी और आंदोलन पर चर्चा किया जाएगा। शिक्षक संघ की बैठक में रविवार को यह फैसला लिया गया है।
वहीं शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। शिक्षक संघ के द्वारा सरकार से इस फरमान को जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की गई थी, लेकिन शिक्षका विभाग लगातार शिक्षकों की मांगों को अनदेखी कर रहे हैं। इसी कड़ी में अब शिक्षक संघ ने बड़ा ऐलान कर दिया है।
शिक्षक संघ ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा है कि अगर सरकार अपनी तुगलकी फरमान को वापस नहीं लेती है तो शिक्षक उसका कड़ी विरोध प्रदर्शन करेंगे। बता दें कि, शिक्षक संघ ने ऐलान किया है कि वह 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर काला दिवस मनाएंगे।
इस दिन सभी शिक्षक काला पट्टी बांधकर विद्यालय जाएंगे। शिक्षकों को कहना है कि वह पठन पाठन को बाधित नहीं करेंगे, लेकिन मुंह पर काला पट्टा बांधकर सरकार का विरोध करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि वह अपने कर्तव्य से पीछे नहीं हटेंगे लेकिन सरकार के तुगलकी फरमान का विरोध प्रदर्शन जरूर करेंगे।
इसके साथ ही शिक्षकों ने ऐलान किया है कि वह 9 सितंबर को अपने प्रखंड कार्यालय में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का पुतला दहन करेंगे। शिक्षकों का कहना है कि वह इस विरोध प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को संदेश देना चाहते हैं कि वह जो फैसले ले रहे हैं वह शिक्षकों को नगावार है। शिक्षक उसके विरोध में उग्र आंदोलन करने के लिए भी तैयार है।