उनको बेस्ट सांसद भी चुना जा चुका है.
महिला आरक्षण विधेयक पर जिक्र करते हुए उन्होंने यह बात रखी थी कि गांव की भी पिछड़ी महिलाओं को मौका मिलना चाहिए. इस विषय पर उन्होंने ओमप्रकाश वाल्मीकि की कविता को दोहराया. उस कविता को आज के संदर्भ में देखें तो चंद लोग देश की संपत्ति को बेच रहे है. चंद लोगों के पास ही संपत्ति ज्यादा है और जिनकी आबादी ज्यादा है उनके पास जमीन ही नहीं है. डिप्टी सीएम ने बोला कि ठाकुर तो कर्पूरी ठाकुर भी लिखते हैं. हम लोग यादव हैं लेकिन राय और चौधरी भी लिखते हैं. मनोज झा की भावना किसी को आहत करने का नहीं थी. सभी को बराबरी का मौका मिले. चंद लोग समाज में लाभ न उठाए. ये मनोज झा के बोलने का मतलब था. राजनीति सब समझते हैं. बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी का चर्चा करते हुए उन्होंने बोला कि बीजेपी के सांसद पार्लियामेंट में खड़ा होकर के जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, गाली-गलौज करते हैं, उनके बयानों का पोस्टमार्टम नहीं होता है. उन्होंने आतंकवादी, उग्रवादी और कटुआ तक बोला. उनके विरुद्ध क्या एक्शन हुआ? हम लोग हर किसी को लेकर के चलते हैं. यह सब बेकार की बातें हैं. हम सब वीपी सिंह को मानने वाले हैं.