किन एजेंडों को लेकर लोकसभा चुनाव में जाना है इस पर मंथन होगा.
सूत्रों के अनुकूल नीतीश नेताओं से फीडबैक ले सकते हैं कि महागठबंधन सरकार को लेकर जनता की क्या राय है. महागठबंधन सरकार की योजनाएं जमीन पर कितनी कामयाब हो रही हैं इसके बारे में भी पूछ सकते हैं. महागठबंधन सरकार की उपलब्धियों को जन जन तक पहुंचाने का निर्देश दे सकते हैं. वहीं चुनाव के लिए तैयार रहने एवं अलर्ट मोड में रहने का आदेश दे सकते हैं.बता दें नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की अटकलें लग रही हैं, कुछ ऐसे घटनाक्रम हुए हैं जिसके चलते ऐसे प्रश्न उठ रहे हैं. राष्ट्रपति भवन में जी 20 डिनर में बहुत गर्मजोशी से नीतीश ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी. जीतन राम मांझी बोल चुके हैं कि नीतीश फिर एनडीए में आ सकते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन के मुद्दे पर नीतीश ने केंद्र सरकार का समर्थन किया है. महिला आरक्षण बिल का भी नीतीश ने समर्थन किया है. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती समारोह में सोमवार को नीतीश सम्मिलित हुए लेकिन देवीलाल की जयंती पर रैली में सम्मिलित होने हरियाणा नहीं गए.वहीं दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन ने कुछ पत्रकारों के बॉयकॉट का फैसला लिया है लेकिन नीतीश ने इस निर्णय का विरोध किया है. वहीं अमित शाह ने झंझारपुर रैली में एक बार भी नहीं बोला कि नीतीश के लिए एनडीए के दरवाजे बंद हैं. यहां तक बोल दिया था कि लालू-नीतीश की जोड़ी तेल पानी की तरह है जो साथ नहीं रह सकते हैं. तेल पानी को गंदा कर देता है. वैसे नीतीश बार-बार कह रहे हैं कि वह एनडीए में नहीं जाएंगे.