कोर्ट से वारंट जारी होने के साथ ही इंस्पेक्टर की परेशानी बढ़ने लगी हैं.
11 जुलाई को नगर थाना के फतहा गांव में बालू लदे ट्रक को पुलिस ने जब्त किया. ट्रक की रखवाली के लिए हरबासा गांव के रहने वाले चौकीदार झूलन यादव को तैनात कर दिया गया. रात के 2.30 बजे बोलेरो पर सवार चार-पांच लोग आए. चौकीदार को अपने कब्जे में लेकर मोबाइल छीन कर बेरहमी से पीटा. बोलेरो में सीट के नीचे डालकर पैर से दाब कर महम्मदपुर ले गए, जहां पीट कर हाईवे के किनारे फेंक कर भाग गए. होश में आने के बाद चौकीदार पैदल एक लाइन होटल पर आया. वहां से इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय को जानकारी दी. खुद को जख्मी होने की बात बोली, लेकिन वे उसकी बात नहीं सुने. बाद में घर वालों को बताया. घर वालों की खबर पर महम्मदपुर थाने की गश्ती गाड़ी की पुलिस ने चौकीदार को सदर अस्पताल में भर्ती कराया.बताया गया कि उपचार के बाद जब चौकीदार झूलन यादव थाने पहुंचा तो उसका सहयोग करने के बदले थानेदार प्रताड़ित करने लगे. गाली-गलौज कर मारपीट की. बर्बाद कर देने की धमकी दी. इससे आहत होकर चौकीदार ने पुलिस के वरीय अधिकारियों से बालू माफिया से मिलकर बालू लदे ट्रक को भगा देने का इल्जाम थानेदार पर लगाया. जब कोई कार्रवाई नहीं हुई तो सीजेएम कोर्ट में न्याय के लिए दरख्वास्त की.चौकीदार झूलन यादव के वकील सुधीर तिवारी ने कोर्ट को बताया कि केस को उठाने के लिए निरंतर दबाव बनाया जा रहा है. उसे धमकी भी दी जा रही है. चौकीदार और उसके परिवार वालों को खतरा होने की बात सामने आई है. उधर, नगर थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार राय से संपर्क करने पर उन्होंने कुछ भी बताने से मना कर दिया.