बता दे कि लोकसभा में बिहार की 3 महिला सांसद हैं, जो महज 7.5 फीसद भागीदारी हैं. अगर महिला आरक्षण लागू हुआ तो बिहार से कम से कम 13 महिला संसद लोकसभा पहुंचेंगी. बिहार विधानसभा में कुल 243 सीटें हैं. एक तिहाई आरक्षण लागू हुआ तो कम से कम बिहार में कम से कम 80 महिला विधायक चुनकर सदन में पहुंचेंगी. साल 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल 26 महिला विधायक चुनकर बिहार विधानसभा में पहुंची हैं, जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में मात्र 28 महिलाएं ही विधानसभा पहुंची थीं.
इधर, इस विधेयक को लेकर बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष धर्मशिला गुप्ता ने बोला कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम एतिहासिक है.
उन्होंने बोला कि इस बिल के माध्यम कांग्रेस तथा उसके सहयोगी दलों का महिला विरोधी आचरण संसद और बाहर भी सामने आता रहा है.बुधवार को बीजेपी कार्यालय में बीजेपी महिला मोर्चा की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई थी. धर्मशिला गुप्ता ने बोला कि अटल बिहारी वाजपेई की सरकार में इस बिल को कई बार पेश किया गया, लेकिन कांग्रेस की सहयोगी पार्टियों ने उसकी कॉपी तक फाड़ डाली थी. उन्होंने बोला कि आज नारियों के लिए एतिहासिक दिन है. 3 दशकों के बाद उन प्रखर, उन वंचित महिलाओं के नेतृत्व करने की क्षमता पर नई ऊर्जा और नए जोश से कार्य करने के लिए नारी शक्ति वंदन बिल लोकसभा में पारित हुआ.