पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने शनिवार को बोला कि दोहरे हत्याकंड में सुप्रीम कोर्ट से उम्र कैद की सजा पाने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह (Prabhunath Singh) को लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और नीतीश कुमार (Nitish Kumar) का संरक्षण प्राप्त था. 28 वर्ष पहले 1995 में प्रभुनाथ सिंह ने छपरा के एक पोलिंग बूथ के पास 2 युवकों को सिर्फ इसलिए गोली मार दी थी कि उन दोनों ने उन्हें वोट नहीं दिया था, उस वक्त बिहार में बाहुबली लोकतंत्र की नरेटी पकड़े हुए थे. उस भयावह हत्याकांड के वक्त लालू प्रसाद मुख्यमंत्री थे और सुप्रीम कोर्ट ने अपनी टिप्पणी में अभियुक्त प्रभुनाथ सिंह को सत्ता का संरक्षण प्राप्त होने का उल्लेख भी किया है.सुशील कुमार मोदी ने बोला कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद को सबूत के अभाव में बरी करने के ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के निर्णय को पलटते हुए जो टिप्पणी की है, वह याद दिलाती है कि लालू-राबड़ी राज में सत्ता ने पुलिस, गवाह, सरकारी वकील (पीपी) और अदालत तक को कैसे बेमानी कर दिया गया था.
दोहरे हत्याकांड का मुकदमा चलने पर मुख्य गवाह और मृतक की मां लालमुनी देवी को अगवा कर लिया गया था.
दूसरे गवाहों को डरा कर प्रभुनाथ सिंह ने अपने पक्ष में कर लिया था और सरकारी वकील अभियुक्त की मदद कर रहा था.बीजेपी नेता ने बोला कि इसी मामले की सुनवाई के दौरान ट्रायल कोर्ट में जज के सामने गवाहों पर आक्रमण हुआ, लेकिन जज साहब ने मामला दर्ज करने की हिम्मत नहीं की. लालू प्रसाद के संरक्षण से शहाबुदीन, पप्पू यादव, राजबल्लभ यादव, अनंत सिंह, आनंद मोहन, मुन्ना शुक्ला जैसे कई लोग बाहुबली बने और बिहार की छवि धूमिल हुई. जो लोग कानून को रौंद कर चुनाव जीतते और राज करते थे, वे ही आज लोकतंत्र और संविधान बचाने की बात कर रहे हैं.