बता दे कि उससे पहले जब महागठबंधन की सरकार बनी थी उस वक्त से नीतीश कुमार इस तरह के निर्णय ले रहे हैं.
प्रशांत किशोर ने बोला कि नीतीश कुमार को जब वोट का लाभ दिखता है तब आप गरीब, पिछड़ा और दलित सब को भूल जाते हैं. ये जो दलितों की राजनीति है वो सिर्फ अपने लाभ तक है और ये अपने परिवार और वोट तक ही सीमित रह जाती है. बात व्यक्ति विशेष आनंद मोहन की नहीं है. बिहार की जनता देखेगी कि आगे ये और बढ़ेगा और भी लोग इस तरीके के चीजों का डिमांड करेंगे. आगे चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि महागठबंधन के मंत्रिमंडल में 4 ऐसे मंत्री हैं जिनका नाम आरजेडी की ओर से 2015 में भी प्रस्तावित किया गया था, लेकिन उनकी दागदार छवि को देखते हुए मंत्रिमंडल में उन्हें सम्मिलित नहीं किया गया था. वहीं, 4 लोग आज मंत्रिमंडल में नीतीश कुमार के अगल-बगल में बैठे हुए हैं.