राष्ट्रपति और मुख्यमंत्री को रोक दिया जाता है.
गंगाजल से धोया जाता है. ईश्वर ने शबरी का झूठा खाकर संदेश दिया था. भगवान भी जाति व्यवस्था से कुपित थे. सोचा होगा हम खा लेंगे तो दुनियां खाने लगेगी, लेकिन उसे अकेले छोड़ दिया. खाली धूप बत्ती दिखाकर उसे छोड़ दिया जाता है. उसका अनुकरण नहीं किया जाता.आगे आरजेडी नेता ने बोला कि बाबा धर्मराज मर्यादा पुरुषोत्तम थे. जिन्होंने जाति व्यवस्था को समाप्त करते हुए संदेश देकर चले गए. उन्होंने बोला कि हम तो केवल एक बार बोले लेकिन मोहन भागवत ने दो बार बोले. लोग हमारी जीभ काटने पर दस करोड़ का इनाम रख दिया, लेकिन मोहन भागवत के विरोध में दस रुपए का भी इनाम नहीं रखा. इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित शिक्षकों से भी कई बातें बोली. उन्होंने बोला कि उनके सम्मान को मंत्री के तरफ से कभी ठेस नहीं पहुंचेगा.शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर कटाक्ष करते हुए बोला कि हां ये अलग बात है कि कुछ सिरफिरे लोग कभी कभार आ जाएंगे. कुछ कह के चले जाएंगे. उसका ख्याल भी नहीं कीजिएगा. ऐसे लोग सरकार का संदेश भी नहीं दे पाएंगे. सरकार का संदेश मुख्यमंत्री या शिक्षा मंत्री ही देंगे. इस अवसर पर पूर्व सांसद विश्वमोहन कुमार सहित जिले भर के शिक्षक संघ के शिक्षक और शिक्षाविद भी उपस्थित रहे.