उन्होंने स्पष्ट रूप से बोला कि अभी तक 3 बैठकें हो चुकी हैं,
जबकि पहली मीटिंग पटना में हुई थी, तब यह माना जा रहा था कि नीतीश कुमार इसके सूत्रधार होंगे और उन्हें संयोजक बना दिया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. बेंगलुरु में भी नीतीश कुमार के संयोजक बनाने को लेकर कोई जिक्र नहीं हुई. उन्होंने बोला कि तीसरी बैठक में नीतीश कुमार एजेंडा लेकर गए थे कि जातीय जनगणना को इंडिया मुख्य मुद्दा बनाए, लेकिन गठबंधन के सहयोगी दलों ने इसे मुख्य मुद्दे के तौर पर नहीं स्वीकार किया.प्रशांत किशोर भी स्वीकार करते हैं कि जब सीट शेयरिंग की बात होगी, मुद्दे की बात होगी, तब समझ में आएगा. राजनीति के जानकार भी बोलते हैं कि इंडिया गंठबंधन के भीतर मतभिन्नता को अभी नकारा नहीं जा सकता है. जी-20 की बैठक के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के बुलाए भोज में गठबंधन में सम्मिलित दलों के कई राज्यों के मुख्यमंत्री आए, लेकिन कांग्रेस और आरजेडी इसको लेकर नाराज रही. इधर, आरजेडी के नेता और प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामचरित मानस को लेकर विवादास्पद बयान दे रहे हैं. ये बात जेडीयू के गले नहीं उतर रही है. सीट बंटवारे को लेकर भी बिहार में गठबंधन में सम्मिलित दलों का अलग अलग दावा है.उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में आरजेडी ने एक भी सीट पर जीत दर्ज नहीं कर सकी थी, जबकि विधानसभा में वह सबसे बड़ा दल है. इधर, बिहार की राजनीति के जानकार अजय कुमार बोलते हैं कि इंडिया गठबंधन में अभी बहुत पेंच है, अभी कुछ भी बोलना जल्दबाजी है. उन्होंने याद दिलाते हुए बोला कि अभी तक सीट बंटवारे को लेकर जिक्र तक नहीं हुई है, जबकि हर बैठक के पहले इसका दावा किया जाता है. उन्होंने बोला कि इसमें कोई शक नहीं कि सभी लोग भले चाह रहे हों कि बीजेपी को सत्ता से हटाया जाए, लेकिन सभी दलों की अपनी मजबूरी है.