इसी क्रम में इंडिया गठबंधन की तरफ से पीएम पद के चेहरे को लेकर पूछे गए प्रश्न पर उन्होंने अपनी बात बोली.
माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी ने यह भी बोला कि 2004 के लोकसभा चुनाव के दौरान इसी तरह विपक्ष में प्रधानमंत्री के चेहरे पर प्रश्न उठा था. बाद में विकल्प के रूप में मनमोहन सिंह आए और 10 सालों तक वे प्रधानमंत्री के पद पर रहे. इसी प्रकार आगे भी विपक्ष का प्रधानमंत्री पद का विकल्प आएगा. उन्होंने बोला कि सभी विपक्षी पार्टियों जो धर्मनिरपेक्ष ताकतें हैं वे इकट्ठा होकर बीजेपी को हराने का कार्य करेगी.अंत में माकपा के महासचिव ने यह भी बोला कि देश के धर्मनिरपेक्ष गणतंत्र और संविधान को बचाने के लिए भारतीय जनता पार्टी को हराना है. उन्होंने वामपंथी एकत्व को मजबूत करने की बात बोली. सीताराम येचुरी ने यह भी बोला कि धर्मनिरपेक्ष पार्टी से तालमेल कर वोटों के बंटवारे में बीजेपी को फायदा न हो इसका ध्यान देने की आवश्यकता है.