कुछ ही महीनों में लोकसभा का चुनाव होना है और बीजेपी ने दावा किया है कि इंडिया गठबंधन (INDIA Alliance) में सीटों के बंटवारे को लेकर रार बढ़ेगी. बता दे कि पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने सोमवार (18 सितंबर) को बयान जारी करते हुए इसके कई वजह बताए हैं. उन्होंने बोला कि विपक्षी गठबंधन की दिल्ली बैठक से इसमें दरार दिखने लगी है. ये दरार टिकट बंटवारे का दौर आने पर और चौड़ी होगी.सुशील कुमार मोदी ने बोला कि कांग्रेस का अन्य दलों की राय लिए बिना भोपाल-रैली स्थगित करना, 14 टीवी पत्रकारों के बहिष्कार पर नीतीश कुमार का अलग स्टैंड घमंडिया गठबंधन के अनिश्चित भविष्य के संकेत हैं. उन्होंने बोला कि भोपाल में साझा रैली का फैसला समन्वय समिति ने लिया था, जबकि कांग्रेस के कमलनाथ ने इसे रद्द करने का निर्णय सुना दिया.इसी तरह और वजहों का जिक्र करते हुए सुशील मोदी ने बोला कि माकपा ने समन्वय समिति की बैठक में अपना प्रतिनिधि नहीं भेजा. उसने एकतरफा फैसला लिया कि पार्टी केरल में कांग्रेस से और पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी से कोई समझौता नहीं करेगी.
क्या यही विपक्षी एकत्व है?
उन्होंने बोला कि मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विपक्षी दलों का मुख्य मुकाबला बीजेपी से, जबकि इन दोनों राज्यों में केजरीवाल की पार्टी ने 10-10 उम्मीदवार अकेले ही घोषित कर दिए.
बीजेपी नेता ने बोला कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां टीवी पत्रकारों के बहिष्कार के फैसले से सहमत नहीं हैं और प्रेस की आजादी पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं, वहीं राज्य सरकार की आलोचना करने वाले अखबारों का विज्ञापन रोकने की शिकायतें मिलती हैं. यह कैसा दोहरापन है? उन्होंने बोला कि कुछ टीवी पत्रकारों के बहिष्कार का फैसला समन्वय समिति की बैठक का था और उसमें जेडीयू के प्रतिनिधि मौजूद थे. क्या जेडीयू ने अपनी असहमति दर्ज कराई थी? नीतीश कुमार और कमलनाथ के बयान विपक्षी एकत्व की पोल खोल रहे हैं. यह तो शुरुआत है, आगे-आगे देखिए होता है क्या.