ईडी की कार्रवाई में फंसे जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह (JDU MLC Radha Charan Sah) की परेशानियां बढ़ सकती हैं. 26 वर्ष पुराने मामले में एमएलसी के विरुद्ध आरा कोर्ट ने संज्ञान लिया है. आरा जिला जज ने 26 वर्ष पुराने मामले की दुबारा सुनवाई के लिए कोर्ट को आदेश दिया है. जेडीयू एमएलसी पर वर्ष 1997 में समता पार्टी के जुलूस के दौरान गोलीबारी का इल्जाम है. इस मामले में जेडीयू एमएलसी के भाई शत्रुघ्न सिंह और बेटे कन्हैया पर भी गोलीबारी का इल्जाम है. तीन मई 1997 को समता पार्टी के जुलूस पर तीनों ने अपने साथियों के साथ फायरिंग की थी. इस मामले में पूर्व बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह ने आरा कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल किया था, जिस पर जल्द दोबारा सुनवाई प्रारंभ होगी.समता पार्टी के जुलूस के दौरान गोलीबारी की वारदात को लेकर वर्ष 1997 में आरा के नगर थाने में 113/1997 केस दर्ज कराया गया था. आरा कोर्ट में एमएलसी के विरुद्ध केस करने वाले शिकायत कर्ता समता पार्टी के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह के अनुसार घटना के बाद पुलिस को मौके पर से हथियार की बरामदगी हुई थी. जिसके बाद एमएलसी और अन्य दोषियों पर जान से मारने और आर्म्स एक्ट सहित कई संगीन धाराएं लगी थी,
लेकिन राधाचरण साह ने अपने पैसे और पावर के बदौलत अपने ऊपर लगे उन गंभीर धाराओं को हटवा दिया था.
पिछले महीने पीड़ित समता पार्टी के पूर्व नेता सुरेंद्र सिंह ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की कोर्ट में रिवीजन पिटीशन दाखिल किया था. इसके बाद जिला जज ने मामले को एक बार फिर जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह और अन्य दोषियों के विरुद्ध सभी गंभीर धाराओं के साथ मामले की सुनवाई का निर्देश जारी किया है. इससे जेडीयू एमएलसी राधा चरण साह की परेशानियां बढ़ सकती हैं. वहीं, बता दें कि 13 सितंबर को ईडी की टीम ने राधाचरण साह को आरा के फार्म हाउस से पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर पटना ले गई थी. उसके बाद उन्हें बेऊर जेल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. राधाचरण साह को 11 अक्टूबर तक जेल में रहना होगा.