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किसके साथ जाएं प्रशांत किशोर, NDA या महागठबंधन? क्या चाह रही जनता इसका PK ने कर दिया पर्दाफाश


संवाद 

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) इन दिनों बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में घूम रहे हैं. आने वाले समय में वह खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ेंगे, एनडीए के साथ जाएंगे या फिर महागठबंधन के साथ रहेंगे यह तो समय बताएगा लेकिन जनता क्या चाहती है इसका पीके ने पर्दाफाश कर दिया है. मंगलवार (5 सितंबर) को जारी किए गए बयान में इस पर प्रशांत किशोर ने जनता के मन की बात बताई है.मुजफ्फरपुर शहर में पत्रकार वार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने बोला कि बिहार में दिक्कत यही है कि जिसको भाषा का, विषय का ज्ञान नहीं है उसे आप जमीनी नेता बताते हैं. जो नेता शर्ट के ऊपर गंजी पहने वो आपके समझ से धरातल का नेता है, जिसको बोलने की समझ न हो, जिसको भाषा का ज्ञान न हो, जिसको विषय का ज्ञान न हो उसे आप नेता मानते हैं और बताते हैं कि यही आदमी बिहार में कामयाब होगा.पीके ने बोला कि अगर, कोई पढ़ा-लिखा आदमी सामने आ जाए तो आप लोग ही टीका-टिप्पणी करते हैं कि ये आदमी बिहार में नहीं चलेगा.

 थोड़ी बहुत राजनीति की समझ हमको भी है, 

बिहार में जनता मुझे ये नहीं बोल रही कि जब तक मैं महागठबंधन या एनडीए में नहीं रहूंगा, तो हम आपके साथ नहीं रहेंगे. इसके उलट जनता तो ये बोल रही है कि हमें तो कुछ नया चाहिए. हर घर में लोग बोल रहे हैं कि बिहार में कुछ नया होना चाहिए.वहीं दूसरी ओर बीजेपी ने प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के रिश्ते पर प्रश्न खड़े करते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किया है, जिसमें इनके रिश्ते को आम भाई-बहन के जैसा नहीं बताया है. इस पर पत्रकारों के प्रश्न का जवाब देते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने बोला कि बीजेपी या किसी भी व्यक्ति को इस तरह की टीका-टिप्पणी से बचना चाहिए. क्योंकि कोई पारिवारिक भाई-बहन का क्या संबंध है, पति-पत्नी का क्या संबंध है, माता-पिता का क्या संबंध है ये न आप जानते हैं, न हम जानते हैं, न बीजेपी वाले जानते हैं.


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