अब जन्माष्टमी में बच्चे तो उपवास करते नहीं हैं,
1-2 शिक्षक करते होंगे तो उन्हें छुट्टी दें, बच्चों की पढ़ाई के दिन में कटौती का समर्थन वही आदमी कर सकता है जिसे बच्चों की पढ़ाई से कोई मतलब नहीं हो.आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने बोला कि प्रश्न ये है कि सबकी इच्छा यही है कि जो कटौती की गई है वो समाप्त किया जाए तो उसको कर दिया गया. हालांकि इस पर विचार करने की आवश्यकता है, उन अभिभावकों को विचार करने की आवश्यकता है जो चाहते हैं कि स्कूल में बच्चे जाते हैं वो बेहतर ढंग से पढ़ाई करें. नियमित ढंग से पढ़ाई हो. उनको भी इस मामले में विचार करना चाहिए कि सही है या गलत है.बता दें कि 28 अगस्त से 31 दिसंबर तक सरकारी विद्यालयों में करीब 23 छुट्टियां थीं, जिसे घटाकर शिक्षा विभाग ने 11 कर दिया था. शिक्षक निरंतर इस निर्णय का विरोध कर रहे थे. शिक्षक संघ ने केके पाठक पर इल्जाम लगाया था कि उन्हें हिंदू धर्म की सूचना नहीं है. अब निर्णय को वापस लिए जाने के बाद आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने प्रतिक्रिया दी है.