जिसकी कुल बीमा धनराशि 15 लाख की थी.
पॉलिसी 18 दिसंबर 2016 को प्रारंभ हुई. 28 दिसंबर 2031 को पूरा होना था. इस पॉलिसी में नॉमिनी में उसकी पत्नी सैबी देवी थी.पत्नी सैबी देवी ने 2020 में पति को मृत बताकर बीमा के रुपये पर दावा किया था. मृत्यु प्रमाण पत्र के साथ अन्य दस्तावेज भी जमा किए गए थे. 27 नवंबर 2020 को एलआईसी की तरफ से बीमा की 15 लाख की राशि महिला के खाते में दी गई थी.
इस पूरे मामले में लहेरी थानाध्यक्ष दीपक कुमार ने बताया कि अभिकर्ता की सहायता से फर्जीवाड़ा हुआ था. सुनील कुमार नामक एक बीमा धारक की मौत हो गई थी. दोषी सैबी देवी के पति का नाम भी सुनील कुमार था. इसका लाभ उठाकर उसने अभिकर्ता अनिल कुमार के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा किया था. मृतक सुनील कुमार के प्रमाण-पत्र का इस्तेमाल कर वह बीमा की राशि अपने खाते में ले ली थी. इसका पर्दाफ़ाश होने पर एलआईसी ने राशि को वापस ले लिया था. केस दर्ज होने के बाद महिला फरार हो गई थी. गुप्त जानकारी पर महिला की गिरफ्तारी गया से हुई है.