संत रविदास नगर की रहने वाली खुशबू ने अपने प्यार के खातिर इस्लाम त्याग कर सनातन धर्म अपना लिया है. उसने बरेली के मंदिर में अपने प्रेमी विशाल के साथ 7 फेरे लेते हुए हिन्दू देवी देवताओं में आस्था जताई. कहा कि इस्लाम धर्म में महिलाओं का सम्मान नहीं हैं.
यहां तीन तलाक, हलाला जैसी कुप्रथाएं डराने वाली हैं. जबकि हिन्दू धर्म के परिवारों में महिलाओं को विशेष दर्जा हासिल है. खुशबू ने कहा कि वह मुगल काल में उसके पूर्वजों ने इस्लाम कबूल कर लिया था, लेकिन अब वह स्वेच्छा से घर वापसी कर रही है.
खुशबू ने बताया कि प्रेमी विशाल कुमार के साथ उसकी दोस्ती चार साल पहले फेसबुक के जरिए हुई थी. कब यह दोस्ती प्यार में बदल गई, उसे पता ही नहीं चला. अब वैदिक धर्म अपनाने के बाद खुशबू ने पुलिस सुरक्षा की गुहार की है. उसने कहा कि शुरू से ही हिन्दू देवी देवताओं में उसकी आस्था है. अब खुशबू ने हिन्दू धर्म अपनाने के बाद विशाल से पारंपरिक रीति-रिवाज के साथ शादी कर ली है. अगस्त मुनि आश्रम में आचार्य केके शंखधार ने दोनों को अग्नि के समक्ष सात फेरे कराए.
इस दौरान खुशबू ने एक शपथ पत्र देते हुए आजीवन हिंदू धर्म अपनाने की बात कही. पति विशाल के साथ भोजीपुरा थाना पहुंची खुशबू ने बताया कि शादी के बाद ऑनर किलिंग का खतरा है. इस आधार पर उसने पुलिस सुरक्षा की गुहार की है.
यही अर्जी में उसने जिलाधिकारी को भी भेजी है. इसमें उसने कहा कि इस्लाम में महिलाओं की इज्जत नहीं है. हलाला, तीन तलाक सबसे बड़ी बुराइयां हैं और वह इन्हीं बुराइयों की वजह से धर्म परिवर्तन किया है.
उसे अब खुशबू बानो के रूप में नहीं, बल्कि खुशबू के रूप में जाना जाना चाहिए. डीएम को भेजी अर्जी में खुशबू ने कहा कि उसके परिजनों से पति विशाल को भी जान का खतरा है.
उधर, धर्म परिवर्तन के बाद इस प्रेमी जोड़े को फेरे दिलाने वाले अगस्त मुनि आश्रम के पंडित केके शंखधार ने भी जान का खतरा जताया है. कहा कि अब तक वह 86 जोड़ों की शादियां करा चुके हैं, लेकिन पहली बार उन्हें भी अब डर लग रहा है. कहा कि कई बार उन्हें धमकी मिल चुकी है.
उन्होंने कई बार पुलिस में शिकायत भी दी, लेकिन अभी तक सुरक्षा नहीं मिली है. ना ही अब तक उन्हें कोई शास्त्र लाइसेंस दिया गया है.