बिहार की बाढ़ विधानसभा सीट से बीजेपी के विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू (Gyanendra Singh Gyanu) ने अपनी ही पार्टी पर खूब जमकर आक्रमण बोला है. इससे पहले रविवार (01 अक्टूबर) को बाढ़ में 'जनता दर्शन' प्रोग्राम में उन्होंने क्षेत्र के आए लोगों से मुलाकात की. समस्याओं को सुनकर उसके निस्तारण का प्रयत्न किया. इसके लिए संबंधित लोगों को आदेश भी दिया. मीडिया से बातचीत में वे अपनी ही पार्टी के विरुद्ध खूब बोले.ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने बोला कि बिहार से लेकर दिल्ली तक पार्टी में सवर्ण जातियों के नेताओं की उपेक्षा हो रही है. अगड़ी जाति के नेताओं को साइड लाइन किया जा रहा है. बीजेपी में अनुशासन नाम की कोई चीज नहीं रह गई है. अगड़ी जाति के लोग बीजेपी को वोट करते हैं, लेकिन बीजेपी में अब सवर्ण जातियों के नेताओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है.बीजेपी विधायक ने यह भी बोला कि अपर कास्ट के लोग जितना डटकर बीजेपी को वोट देते हैं उतना ही उनको पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा है. हम हमेशा सच कहते हैं,
जहां कमी रहेगी उस बात को उठाएंगे.
हमको टिकट मिले या नहीं मिले जो सच बात रहेगी उसे बोलकर रहेंगे. बता दें बीजेपी विधायक ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू खुद अगड़ी जाति से हैं. राजपूत हैं. उनके बयान से हंगामा मचना तय है.मीडिया से बातचीत में ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने कुछ नेताओं के नाम भी लिए. उन्होंने बोला कि बीजेपी में बड़े नेताओं का क्या हाल है हर कोई जान रहा है. नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, वसुंधरा राजे की आज पार्टी में क्या स्थिति हो गई है? इनका बस चले तो योगी आदित्यनाथ को भी 2 मिनट में पार्टी से बाहर कर दें.
बता दें कि 2020 में नीतीश कुमार और बीजेपी की सरकार बनी थी. उस समय मंत्री नहीं बनाए जाने से अप्रसन्न होकर पार्टी के नेताओं पर भी ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू ने गंभीर इल्जाम लगाए थे. उस समय से ही बीजेपी में अलग थलग पड़े हुए थे. ज्ञानेंद्र सिंह ज्ञानू पहले सीएम नीतीश कुमार के बेहद करीबी नेताओं में से एक थे, लेकिन अब एक बार फिर नीतीश के बेहद करीब आ गए हैं.