बीजेपी चाहती है कि प्रदेश के किसान उन्नति करें.
लोकतंत्र में विपक्ष की एक बड़ी भूमिका है. ऐसे में इस प्रोग्राम में विपक्ष के नेताओं को नहीं आमंत्रित किया जाना सरकार की तानाशाही इरादे पर मुहर लगाती है.
बीजेपी नेता और पूर्व विधायक शर्मा ने बोला कि आरजेडी की संगति का असर है कि नीतीश कुमार का भी अब संवैधानिक संस्थाओं और पदों पर विश्वास नहीं रह गया है. आरजेडी को तो पहले से ही लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं पर विश्वास नहीं है.बीजेपी के प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी मनोज शर्मा ने बताया कि विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय कुमार सिन्हा ने इस मामले में बिहार के राज्यपाल और बिहार के मुख्यमंत्री को खत लिखकर शिकायत भी की है. उन्होंने बोला कि नीतीश संविधान और लोकतंत्र की दुहाई देने से नहीं थकते, ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि क्या सरकारी प्रोग्राम में जिसमें राष्ट्रपति हिस्सा ले रही हैं, उसमें सदन के नेता प्रतिपक्ष को नहीं बुलाया जाना कहां तक लोकतंत्र की मर्यादा है?