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कृषि रोडमैप पर सुशील कुमार मोदी ने उठाए प्रश्न, BJP नेता ने नीतीश सरकार को घेरा


संवाद 


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने जहां एक तरफ बुधवार (18 अक्टूबर) को बिहार के चतुर्थ कृषि रोडमैप (2023-2028) का लोकार्पण किया वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के नेता अब कृषि रोडमैप पर प्रश्न खड़े कर रहे हैं. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने प्रश्न करते हुए बुधवार को बोला कि नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को श्वेत पत्र जारी कर बताना चाहिए कि तीन कृषि रोडमैप लागू होने के बाद भी बिहार के किसान आय के मामले में 28वें स्थान पर क्यों है?बीजेपी सांसद सुशील कुमार मोदी ने बोला कि 3 कृषि रोडमैप पर करीब 3 लाख करोड़ खर्च करने के बाद भी खाद्यान्न उत्पादन दोगुना करने जैसे कई लक्ष्य पूरे क्यों नहीं हुए? 

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बिहार के किसानों की आय से बीजेपी नेता ने पंजाब की तुलना की. बोला कि पंजाब के किसानों की औसत आय 26,700 रुपये है, जबकि बिहार के किसानों की औसत प्रति व्यक्ति आय मात्र 7,542 रुपये है. आय के मामले में बिहार के किसान देश में 28वें स्थान पर है. तीसरे कृषि रोडमैप पर 5 वर्ष में 1.54 लाख करोड़ खर्च करने का लक्ष्य था और जब सरकार 1 लाख करोड़ भी खर्च नहीं कर पाई, तब चौथे कृषि रोडमैप पर 1.62 लाख करोड़ खर्च करने के लक्ष्य का कोई औचित्य नहीं था.सुशील मोदी ने प्रश्न उठाया कि कि तीसरे कृषि रोडमैप में जैविक कॉरिडोर का निर्माण, हर खेत तक बिजली पहुंचाने, बंद नलकूप चालू कराने और अलग कृषि फीडर लगा कर 8 लाख नए सिंचाई कनेक्शन देने जैसे लक्ष्य पूरे क्यों नहीं हुए? उन्होंने बोला कि तीन कृषि रोडमैप लागू करने में नीतीश सरकार की असफलता के वजह से सभी पैक्सों का कम्प्यूटरीकरण नहीं हुआ. किसानों को 1,600-1,700 रुपये प्रति क्विंटल के दाम पर धान बेचना पड़ रहा है और अधिकतर चावल मिलें बंद हो गईं.

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