अगले वर्ष होने वाले संभावित लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) को लेकर सभी दल अपनी-अपनी रणनीति के तहत तैयारी में जुट गए हैं. इस बीच, बीजेपी (BJP) अपने हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है. वैसे, बिहार में इफ्तार को लेकर राजनीति कोई नई बात नहीं है. आरजेडी और जेडीयू (RJD And JDU) के नेता रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी का आयोजन करते रहे हैं. इस नवरात्रि को लेकर बीजेपी (BJP) के कई नेताओं ने फलाहार का आयोजन किया है. बीजेपी के नेताओं का बोलना है कि अगर रमजान के महीने में इफ्तार पार्टी आयोजित की जा सकती है तो नवरात्र के अवसर पर सनातन धर्मावलंबी उपवास करते हैं, ऐसे में फलाहार पार्टी देने में क्या बुराई है.इस नवरात्रि में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा, प्रदेश के कोषाध्यक्ष राकेश सिन्हा, प्रवक्ता नीरज कुमार सहित कई नेताओं ने फलाहार पार्टी आयोजित की, जिसमें पार्टी के नेताओं के अलावा आम लोगों को आमंत्रित किया गया. बड़ी संख्या में लोग भी इनकी फलाहार पार्टियों में आए. विधानसभा में विपक्ष के नेता सिन्हा बोलते हैं कि महागठबंधन के लोग तुष्टिकरण के लिए इफ्तार पार्टी का आयोजन करते हैं, जबकि बीजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित सभी वर्गों के संतुष्टिकरण सिद्धांत के तहत नवरात्र में फलाहार प्रसाद का निरंतर आयोजन करेगी.नेता प्रतिपक्ष ने बोला कि सनातन धर्म का अपमान और इसके प्रति भ्रामक वातावरण बनाना सनातन विरोधियों की आदत बन गई है. फलाहार का आयोजन इन अराजकतत्वों को सकारात्मक संदेश देने के लिए किया गया है. उन्होंने बोला कि शक्ति की भक्ति से ही मुक्ति का मार्ग प्रशस्त होगा. वहीं, सिन्हा द्वारा आयोजित फलाहार प्रोग्राम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह सहित बीजेपी के कई नेता आए.इधर, जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव राजीव रंजन कहते हैं कि बीजेपी की प्रारंभ से ही राजनीति मंदिर के इर्द गिर्द घूमती है.
उन्होंने कटाक्ष करते हुए बोला 6 महीने के बाद बीजेपी के नेताओं को फलाहार ही करना होगा और मंदिर में ही जाकर बैठना होगा.
जनता इनकी राजनीति को जान चुकी है. राजीव रंजन ने बीजेपी के नेताओं को नसीहत देते हुए बोला कि अभी भी बीजेपी के नेताओं के पास वक्त है कि जनता से जुड़े कार्यों पर ध्यान दे, शायद लोग कुछ इन्हें दे दें. इधर, बिहार के मंत्री अशोक चौधरी बोलते हैं कि बीजेपी को हिन्दू-मुस्लिम के अलावा और कुछ नहीं आता है. सिर्फ फलाहार, इफ्तार, चंदन, रुद्राक्ष, टिकी पर बोलेंगे, लेकिन जनता क्या चाहती है, इसपर कुछ नहीं कहेंगे.
मंत्री ने आगे बोला कि ये महाघृनित टाइप के लोग हैं. देश की जो आत्मा है, उसको समझना होगा. हम गंगा जमुनी संस्कृति के लोग हैं. बीजेपी के पास हिंदू-मुस्लिम करने के अलावा और कुछ नहीं है. वहीं, बीजेपी के नेता और बिहार के पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा का बोलना है कि आखिर महागठबंधन के नेताओं को हमारे फलाहार के आयोजन से इतनी घृणा क्यों है. हमलोगों ने तो इफ्तार का विरोध कभी नहीं किया. उन्होंने बोला कि सभी को अपने अपने धर्म को लेकर प्रोग्राम आयोजित करने को लेकर छूट है. सभी इसे आयोजित करते हैं.बहरहाल, बीजेपी के नेताओं द्वारा किए जा रहे फलाहार प्रोग्राम को लेकर प्रदेश में राजनीति खूब जमकर हो रही है. माना जा रहा है कि महागठबंधन के नेता जहां बीजेपी को हिंदुत्व के मुद्दे को कुंद करने की रणनीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं, वहीं, बीजेपी विभिन्न मामलों के माध्यम हिंदुत्व के मुद्दे को हवा देने में जुटी है. अब किसके मुद्दे को जनता पसंद करती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.