मुख्यमंत्री और कई नेता गणना करवाने के लिए प्रधानमंत्री गृहमंत्री से मिले थे,
लेकिन ये बीजेपी वालों ने इसे स्वीकार नहीं किया. उसके बाद बिहार सरकार ने जातीय गणना करवाई. जातीय गणना देश की मांग है. सभी राज्यों में ये गणना करानी चाहिए. वहीं, उन्होंने महिला आरक्षण बिल को ढोंग बताया और बोला कि जब सरकार को महिला आरक्षण 10 वर्ष के बाद लागू करना था तो फिर पार्लियामेंट में इवेंट मैनेज करने की क्या आवश्यकता थी? ललन सिंह ने प्रधानमंत्री को इवेंट मैनेजर बताया.कई पत्रकारो पर रेड की खबर पर जेडीयू अध्यक्ष ने बोला कि मीडिया के जो हेड हैं वो लोग गृहमंत्री के ग्रीप में हैं, जो मीडिया बीजेपी की आलोचना करेगा, उनके यहां पर एजेंसी का छापा मरवाया जाता है. पार्टी की टूट पर सुशील कुमार मोदी पर ताना कसते हुए उन्होंने बोला कि 'बिल्ली के भागे शिकहर नहीं टूटता है' सुशील कुमार मोदी अपना पीठ थपथपाएं और प्रतिक्षा करें कि केंद्र सरकार उन्हें इसका इनाम कब देती है.