पिछले दिनों यह खबर सामने आई थी कि जेडीयू की बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह (Lalan Singh) और मंत्री अशोक चौधरी (Ashok Choudhary) के बीच तीखी बहस हुई थी. बता दे कि दोनों नेताओं के बीच विवाद की खबरों पर लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने रविवार (01 अक्टूबर) को बड़ा वर्णन दिया. पटना एयरपोर्ट पर उन्होंने बोला कि उन्हें नहीं पता कौन किसको कहां से सेट करने जा रहा है, यह बात सच्चाई है कि जेडीयू में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.चिराग पासवान ने बोला कि जेडीयू के कई नेता, सांसद और विधायक हम लोगों के संपर्क में हैं. ललन सिंह को लेकर उन्हीं के नेताओं में एक असंतोष की भावना है. धीरे-धीरे यह सतह पर दिखने लगा है. अब वह दिन दूर नहीं है जब जेडीयू में एक बड़ी टूट देखने को मिलेगी. चिराग ने सवालिया लहजे में बोला कि जेडीयू का फ्यूचर क्या है? एक ऐसी पार्टी है जिसके नेता ने बार-बार पाला बदलने का कार्य किया. मुख्यमंत्री तो चुनाव लड़ते नहीं हैं. जनता के बीच जाते हैं तो बात नहीं होती है. आने वाले दिनों में न यह पार्टी बचेगी न पार्टी का अस्तित्व कोई संभालने वाला बचेगा.वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा की 'ठाकुर' वाली कविता पर चिराग पासवान ने बोला कि मैं किसी का समर्थन नहीं कर रहा हूं बल्कि जिस पार्टी से वह आते हैं
वह जातियों की पार्टी करने के लिए मानी ही गई है.
समाज को बांट कर समाज में भेदभाव उत्पन्न करके उसका राजनीतिक लाभ लेना, एमवाई समीकरण बनाना, अगड़ी पिछड़ी की लड़ाई करवाना, जो कविता उन्होंने पढ़ी वह लंबे वक्त से है. किसी जाति को लेकर यह कविता नहीं लिखी गई है. जो सोच इस पार्टी की रही है इसकी आवश्यकता नहीं थी ऐसी किसी कविता को पढ़कर इस तरीके के मतभेद को उत्पन्न करने की, जरूरी है जात-पात धर्म की राजनीति से उठकर सही दिशा में अपना ध्यान केंद्रित करके बिहार के ज्वलंत विषय को सुलझाया जाए.आरजेडी नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी की तरफ से महिलाओं को लेकर विवादित बयान पर चिराग पासवान ने बोला कि यह इनकी सोच को दर्शाता है. महिलाओं को लेकर इतनी ओछी और छोटी सोच की हम बुराई करते हैं जो उन्हें रंग रूप और वेशभूषा से जोड़कर देखते हैं. अभी भी इनकी सोच अभी भी उस मानसिकता से उलझी हुई है जहां पर यह लोग महिलाओं को पर्दे में और चूल्हा चौका में पीछे ही बांधकर रखना चाहते हैं. इनकी सोच से घृणा होती है.