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बक्सर ट्रेन दुर्घटना पर बड़ी अपडेट, पटरियों में सामने आई खामी, अधिकारियों ने बताई दुर्घटना के कारण


संवाद 



बिहार के बक्सर जिले में 11 अक्टबूर बुधवार की रात्रि हुए ट्रेन दुर्घटना को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. बिहार में दिल्ली-कामख्या ‘नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस’ के सभी डिब्बों के बेपटरी होने की संभावित कारण पटरियों में खामी थी. सूत्रों ने गुरुवार को प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के हवाले से यह सूचना दी. बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक बुधवार रात में हुए इस दुर्घटना में चार लोगों की मृत्यु हो गई थी और कई अन्य जख्मी हुए हैं. रेलवे के छह अधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में बोला गया, ऐसा प्रतीत होता है कि पटरी में खामी की वजह से ट्रेन बेपटरी हुई.हालांकि, रेलवे के अन्य अधिकारियों ने रेखांकित किया कि ट्रेन जब अधिक गति से चल रही थी तभी ब्रेक लगाकर उसे अचानक रोकने की कोशिश की गई. दुर्घटना के शिकार ट्रेन के गार्ड विजय कुमार ने बताया कि उन्होंने महसूस किया कि अचानक ब्रेक लगाया गया, जिसके बाद झटके महसूस हुए. मामूली रूप से जख्मी कुमार ने बताया, ‘‘मैं अपना कागजी काम कर रहा था तभी महसूस हुआ कि चालक ने अचानक ब्रेक लगाया है. इसके बाद कुछ झटके महसूस हुए और मैं बेहोश हो गया. बाद में मैं खुद को नजदीक खेत में पाया और गांव वाले मेरे चेहरे पर पानी के छींटे मार रहे थे.’’ट्रेन के डिब्बों के बारे में रिपोर्ट में बोला गया है कि सभी 22 डिब्बे और इंजन पटरी से उतर गए जिनमें से दो डिब्बे पूरी तरह से पलट गए. 

रिपोर्ट के मुताबिक इस हादसे की वजह से 52 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है.

 दुर्घटना में लोको पायलट (चालक) विपिन कुमार सिन्हा आंशिक रूप से जख्मी हो गये और उनके सहायक को गंभीर चोटें आईं.रिपोर्ट में लोको पायलट सिन्हा का एक बयान भी सम्मिलित है, जिसमें बोला गया है कि ट्रेन 128 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से रघुनाथपुर स्टेशन से गुजरी, लेकिन स्टेशन को पार करने के तुरंत बाद उसे पीछे से एक गंभीर झटका लगा. प्रारंभिक रिपोर्ट में लोको पायलट के हवाले से बोला गया है कि अत्यधिक कंपन और गंभीर झटके के परिणामस्वरूप, ब्रेक पाइप का दबाव अचानक कम हो गया और ट्रेन रात 9:52 बजे पटरी से उतर गई.विपिन कुमार सिन्हा के बयान के मुताबिक, उन्होंने रात 8:27 बजे दीन दयाल उपाध्याय स्टेशन से ट्रेन की कमान संभाली और उस वक्त सब कुछ ठीक था. उन्होंने बताया कि ट्रेन रात 9:29 बजे बक्सर पहुंची तो सहायक लोको पायलट ने दोबारा इंजन की जांच की और सब कुछ ठीक पाया. रिपोर्ट में रघुनाथपुर स्टेशन के एक गेटमैन और एक प्वॉइंटमैन के हवाले से बोला गया है कि उन्होंने ट्रेन के पहियों के पास से चिंगारी निकलती देखी.रिपोर्ट में बोला गया है, ‘‘एलसी (लेवल क्रॉसिंग) गेट नंबर 59बी के गेटमैन के बयान के अनुसार, ट्रेन नंबर 12506 गेट से गुजरी और 8-10 डिब्बे गुजरने के बाद उसने चिंगारी देखी और भारी शोर सुना.’ रिपोर्ट में लोको पायलट और उसके सहायक का ‘‘ब्रेथ एनालाइजर’’ परीक्षण नकारात्मक बताया गया.सीपीआरओ ने बताया कि मामूली रूप से जख्मी हुए कई लोगों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई. सीपीआरओ ने बताया कि इन यात्रियों को एक विशेष ट्रेन में बिठाया गया, जो गंतव्य स्टेशन के लिए रवाना हुई. सीपीआरओ ने बोला, ‘‘चिकित्सकों की सलाह के आधार पर, हम बिहार और पश्चिम बंगाल के दूर-दराज के इलाकों के यात्रियों को भी घर तक छोड़ने के लिए एम्बुलेंस की सुविधा प्रदान कर रहे हैं.’’इस रेल दुर्घटना में चार मृतकों के अलावा 30 यात्री जख्मी हुए हैं जिनमें 6 महिलाएं और 2 बच्चे सम्मिलित हैं. इस बीच, रेलवे अधिकारियों ने बताया कि राजस्थान निवासी नरेंद्र के परिवार वालों को छोड़कर सभी पीड़ितों के परिजनों को अनुग्रह राशि दे दी गई है. बिहार आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मृतक नरेंद्र के परिवार को सूचित कर दिया गया है और उनके गुरुवार रात को बक्सर पहुंचने की आशा है.

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