इस प्रश्न पर कि सारण लालू यादव की कर्मभूमि रही है.
तेज प्रताप यादव क्या छपरा से चुनाव लड़ेंगे? इस पर उन्होंने बोला, "मैं तो अभी मंत्री हूं. समय आने पर जरूर फाइट किया जाएगा. पब्लिक की डिमांड होगी तो अच्छे-अच्छे नेता उभर जाते हैं."प्रोग्राम समाप्त होने के बाद तेज प्रताप यादव ने कार्यकर्ताओं के साथ भोजन किया. इस दौरान तेज प्रताप यादव कृष्ण के रूप में भी दिखे. उन्होंने बांसुरी बजाकर लोगों का मनोरंजन भी किया. बांसुरी की धुन सुनकर लोग काफी खुश हुए.2014 में राबड़ी देवी की सारण लोकसभा सीट से करारी हार हुई थी. 2019 में चंद्रिका राय को भी इस सीट से हार का सामना करना पड़ा था. उस समय इस सीट से राजीव प्रताप रूडी जीत गए थे. सारण लोकसभा सीट लालू प्रसाद यादव की कर्मभूमि रही है. यहां से कई बार लालू प्रसाद यादव सांसद रहे हैं. केंद्र सरकार में रेल मंत्री भी रहे हैं.बता दें कि लालू प्रसाद यादव के लिए छपरा और आसपास का क्षेत्र गढ़ माना जाता है. लालू यादव की सियासी पारी की शुरुआत सारण से हुई थी. लालू प्रसाद यादव जेल जाने के बाद निरंतर हार का सामना कर रहे हैं. 2014 और 2019 दोनों वर्ष में हार हुई थी. 2019 में समधी चंद्रिका राय पर विश्वास जताया था लेकिन कोई भी फायदा नहीं हुआ था.