ज्योतिषाचार्य के अनुकूल जितिया में अष्टमी तिथि में नवमी तिथि नहीं मिलना चाहिए लेकिन 7 अक्टूबर को ये दोनों तिथियां मिल रही हैं. इसके अलावा इस व्रत में शाम में प्रदोष काल में पूजा का विधान है. इस वर्ष प्रदोष काल में अष्टमी तिथि 6 अक्टूबर को मिल रही है, इसलिए निर्जला व्रत 6 अक्टूबर को रखकर 7 को पारण करना चाहिए. जितिया का पारण करने का शुभ मुहूर्त 7 अक्टूबर की सुबह 10 बजकर 32 मिनट के बाद है.
6 अक्टूबर को शुक्रवार और सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इस दिन की महत्ता और बढ़ गई है.
शुक्रवार के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग होने से इसका असर और बढ़ जाता है. माना जाता है कि इस योग में किए गए सभी पूजा-पाठ और कार्य शुभ फलदायी होते हैं. ऐसे में 6 अक्टूबर को खास संयोग बन रहा है.दरअसल, जितिया व्रत करने वाली महिलाओं को 24 घंटे का निर्जला व्रत करना होता है. जितिया व्रत के शुभ मुहूर्त के बारे में बात करें तो 6 अक्टूबर को अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से शुरू होगा और दोपहर 12 बजकर 33 मिनट पर समाप्त होगा. अगर ब्रह्म मुहूर्त की बात की जाए तो यह सुबह 04 बजकर 38 मिनट से प्रारंभ होगा और 05 बजकर 28 पर समाप्त होगा. अष्टमी तिथि की शुरुआत 6 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 34 मिनट से होगी और समाप्ति अगले दिन 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगी.