लालू यादव-राबड़ी के राज में भी ऐसा ही होता था.
गिरिराज सिंह ने एक कहावत का हवाला देते हुए बोला कि एक कहावत है कि सैंया भए कोतवाल तो अब डर काहे का. यह कहावत आरजेडी और जेडीयू दोनों पर लागू होता है. विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष हरि सहनी ने ऐसे विधायक को बर्खास्त करने तक की मांग कर दी. सहनी ने बोला कि जिस तरह पार्टी दफ्तर में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रहते विधायक द्वारा पत्रकारों को गाली दी गई उससे आज बिहार शर्मसार हुआ है.हरि सहनी ने बोला कि बिहार के इतिहास में कभी पत्रकारों को ऐसा अपमानित नहीं होना पड़ा. सबसे आश्चर्य की बात है कि इसके लिए न अभी तक मुख्यमंत्री और न ही पार्टी के अध्यक्ष ने माफी या गलती मानी. पत्रकारों ने अपने दायित्वों का निर्वहन करते हुए सिर्फ उनसे प्रश्न किया था कि क्या एक विधायक को रिवॉल्वर लहराते अस्पताल में जाना शोभा देता है. उन्होंने बोला कि नीतीश कुमार के चहेते विधायक होने के वजह से पार्टी के किसी भी नेता में इतनी हिम्मत नहीं की वे इन्हें समझा भी सके. जेडीयू या तो इन्हें पार्टी से बर्खास्त करे या फिर पार्टी नेतृत्व पत्रकारों से माफी मांगे.