सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार से वापस एयरपोर्ट लौटते वक्त शुक्रवार (20 अक्टूबर) को डेल्हा थाना इलाके के धनिया बगीचा में एकाएक राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गाड़ी रुका और जिसके बाद वह कार से बाहर निकल कर सड़क पर चलने लगीं. इसे देख डीएम, एसएसपी सहित राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे अधिकारी भी प्रेसिडेंट के साथ चलने लगे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सड़क के किनारे खड़े आम लोगों से मुलाकात कीं और बच्चों के बीच टॉफियां भी बांटीं. इस नजारा को देख लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा.दरअसल, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार में बीते शुक्रवार को तीसरा दीक्षांत समारोह का अयोजन किया गया था. इसमें मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सम्मिलित हुई थीं. राष्ट्रपति के हाथों छात्रों को डिग्री के साथ–साथ गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया. वर्ष 2018, 2019, 2020 के दौरान अंडरग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट और एमफिल, पीएचडी स्तर के उत्तीर्ण छात्रों को डिग्री के साथ-साथ गोल्ड मेडल दिया गया है. कुल 103 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया गया है, जिसमें 66 गोल्ड मेडल छात्राओं ने हासिल किया है. वहीं, प्रोग्राम को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नालंदा महाविहार की जिक्र कीं. उन्होंने बोला कि समृद्ध भारत का ज्ञान का निर्माण करने में भूमिका निभाई है. गया में ही 2600 ईसा पूर्व भगवान बुद्ध ने विश्व में शांति का संदेश दिया था, जो आज प्रासंगिक है.
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शुक्रवार को बोधगया पहुंची और महबोधि मंदिर में जाकर भगवान बुद्व को नमन की.
इस दौरान राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर भी उपस्थित रहे. मंदिर के गर्भगृह में जाकर भगवान बुद्ध के समक्ष मत्था टेका और पूजा-अर्जना की. राष्ट्रपति ने आधें घंटे से अधिक महाबोधि मंदिर में गुजारा. बिहार की ऐतिहासिक और अद्भुत विरासत को देख राष्ट्रपति अभिभूत हो गईं. डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम बीटीएमसी सचिव डॉ श्वेता महारथी, भंते दीनानंद ने बीटीएमसी की तरफ से प्रज्ञा और बोधि पत्ता देकर उन्हें सम्मानित किया गया. दर्शन करने के बाद वे पंचानपुर स्थित दक्षिण बिहार सेंट्रल यूनिवर्सिटी रवाना हो गईं.