प्रशांत किशोर ने बोला कि बिहार में कांग्रेस वर्ष 1990 तक रूलिंग पार्टी हुआ करती थी.
आज कांग्रेस का 5 प्रतिशत वोट बिहार में नहीं है. बिहार में 1990 के बाद से जो 3 दल हैं. पिछले 32 वर्षों से बिहार को चला वो रहे हैं लालू, नीतीश और बीजेपी तो इन तीनों पर प्रश्न नहीं खड़ा करेंगे? तो क्या शिवसेना पर प्रश्न खड़ा करेंगे? आगे उन्होंने बोला कि गरीब की बात करने वाले ये बोल रहे हैं कि कर्नाटक में महिलाओं को तीन हजार रुपये देंगे. कर्नाटक की महिला ज्यादा गरीब है या बिहार की महिला ज्यादा गरीब है? अगर कर्नाटक की महिला को 3 हजार रुपये मिलना चाहिए तो कांग्रेस के लोग बिहार में सरकार में सम्मिलित हैं तो जरा बताइए कि बिहार की महिलाओं को क्यों नहीं एक हजार भी दिलवा रहे हैं? ये किस भ्रम में आप लोग पड़े हैं इन लोगों से क्या प्रश्न करें? चुनावी रणनीतिकार ने बोला कि जो आदमी अपने जीवन में बिहार के चार जिलों का नाम नहीं जानता है उससे क्या प्रश्न करें? कांग्रेस है कहीं बिहार में? आप बोलेंगे कि हम कांग्रेस पर टिप्पणी क्यों नहीं कर रहे हैं? शिवसेना पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं, जेएमएम पर टिप्पणी नहीं कर रहे हैं. ये पार्टियां भी तो बिहार में चुनाव लड़ती हैं. बिहार को जेएमएम चला रही है? बिहार को शिवसेना चला रही है? अलग-अलग वक्त कालखंड में बिहार को लालू, नीतीश और बीजेपी चला रहे हैं. इन 3 पार्टियों से प्रश्न न करें तो किन पार्टियों से करें?