पूर्व सांसद आनंद मोहन ने बोला कि कोसी के गांधी के नाम से प्रख्यात राम बहादुर सिंह हमारे दादा थे.
उन्हीं के साथ 1942 के प्रखर क्रांतिकारी थे पद्मानंद सिंह ब्रह्मचारी जिनके नाम से अंग्रेज कांपते थे. उनकी मूर्ति का नीतीश कुमार अनावरण करेंगे.आनंद मोहन ने बोला कि इस मूर्ति का शिलान्यास साल 1998 में हुआ था जब मैं एमपी हुआ करता था. शिलान्यास में पूर्व उपराष्ट्रपति भैरोंसिंह शेखावत आए थे. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जी भी आए थे. उन्होंने यह भी बोला कि स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करना, उनको याद करना अपने आप में खास है. बोलते हैं वो देश मर जाता है जब वो अपने सैनिकों और महापुरुषों को भूल जाता है. निरंतर 1919 से लेकर 1946 तक आजादी की लड़ाई लड़ते रहे. 8 बार जेल गए.बता दें कि इस बात की भी खूब जिक्र है कि आनंद मोहन जेडीयू ज्वाइन कर सकते है. हालांकि कुछ दिनों पहले ही उनके बेटे अंशुमान आनंद ने इस बात को खारिज कर दिया था. बोला था कि मेरे भाई (चेतन आनंद) विधायक हैं आरजेडी से और वो आरजेडी में ही रहेंगे. मां भी आरजेडी में रहेंगी. रही बात मेरे पिता की तो जनवरी में जैसी रैली होगी उसके अनुकूल देखा जाएगा कि आगे क्या करना है.