यह भी पूछा है कि कितने अगले एक दो वर्षों में अतिरिक्त बनवा सकते हैं.
इसकी सूची वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है.मकान और बहू मंजिला इमारत के मालिकों से प्रस्ताव मांगा गया है कि वह कितने मकान किस जिले में, किस प्रखंड और ग्राम पंचायत में उपलब्ध करा सकते हैं जो पहले से बने हुए हैं. शिक्षा विभाग उसे किराए पर तुरंत ले सकता है. वहीं रियल एस्टेट कंपनियों या अन्य इच्छुक जमीन मालिकों से जिला, अनुमंडल और प्रखंड मुख्यालय में बहुमंजिला इमारत एवं भवन निर्माण करने के लिए प्रस्ताव मांगा गया है. यहां केवल विभाग के शिक्षक रहेंगे. इन इमारतों को निजी कंपनियां अपने खर्चे पर बनाएंगी. शिक्षा विभाग उन्हें लंबे वक्त के लिए लीज पर लेगा और हर महीने किराया भुगतान करेगा.निदेशक प्रशासन द्वारा विज्ञापन जारी किया गया है. मकान मालिक और रियल एस्टेट कंपनियों की तरफ से 4 नवंबर तक प्रस्ताव देने के बाद शिक्षा विभाग 8 नवंबर को इनके साथ पटना में बैठक करेगी. बता दें कि हर वर्ष शिक्षकों के वेतन पर 33 हजार करोड़ शिक्षा विभाग खर्च करता है. इसमें 8% यानी करीब 2500 करोड़ आवास के लिए खर्च किए जाते हैं. आवास भत्ता की कटौती कर यह पैसा लीज पर लिए गए मकान और रियल एस्टेट कंपनियों को दिए जाएंगे.