क्यों नहीं आ रहे हैं उस प्रदेश में भी तो गरीब हैं वहां पर भी लोग मजदूर हैं
और वहां पर भी नेता चोरी कर रहा है लेकिन इतना व्यवस्था उन राज्यों में हो गई है कि किसी भी आदमी को 12 से 15 हजार के रोजगार के लिए उन राज्यों में लोगों को सोचना नहीं पड़ रहा है. अगर ये व्यवस्था पंजाब और हरियाणा में हो सकता है तो बिहार में भी तो हो सकता है."लोगों को वोट की ताकत का एहसास कराते हुए प्रशांत किशोर ने बोला, "अगली बार वोट नेता का मुखौटा देखकर नहीं अपने बच्चों का चेहरा देख कर वोट देना है. इस बार वोट का कीमत रोजगार और पढ़ाई है. अभी दिवाली आ रही है. दिवाली में लक्ष्मी को बुलाने के लिए क्या करना पड़ता है? सबसे पहले यानी कि पूजा से भी पहले झाड़ू मारकर सफाई करते हैं. बिहार के जितने भी नेता हैं जिन्होंने आपको लूटकर कंगाल बनाया है. चाहे आपकी जाति का है या धर्म का. अगर कंगाली समाप्त करना है लक्ष्मी जी को घर में बुलाना है तो आपके जाति का हो या धर्म का झाड़ू लेकर सबको बाहर भगाइए. बिहार तभी सुधरेगा वरना आपके बच्चों का जीवन इसी भिखारी पन में गुजरेगा."