अपराध के खबरें

जातीय गणना के आंकड़ों पर तारकिशोर प्रसाद ने उठाए प्रश्न, लालू-नीतीश को लेकर बोल दी ये बड़ी बात


संवाद 

बिहार में हुई जातीय गणना की रिपोर्ट में जो आंकड़े जारी किए गए हैं उसको लेकर निरंतर प्रश्न उठाए जा रहे हैं. नीतीश सरकार पर गंभीर इल्जाम भी लग रहे हैं. उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) ने तो साफ दावा किया है कि उनसे किसी ने कोई खबर ही नहीं ली है. अब बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद (Tarkishore Prasad) ने बुधवार (04 अक्टूबर) को एबीपी से बातचीत में आंकड़ों को लेकर प्रश्न खड़े किए हैं. लालू-नीतीश पर भी आक्रमण बोला है.तारकिशोर प्रसाद ने बोला कि जातीय गणना बहुत जल्दबाजी में चुनावी लाभ के लिए बिहार सरकार द्वारा कराई गई है. जातीय गणना के आंकड़ों में हेराफेरी की गई है. कई खामियां हैं. कई लोगों के घर सर्वे टीम पहुंची ही नहीं है. बीजेपी जातीय गणना के पक्ष में है. 2019 में जातीय गणना सर्वे कराने का प्रस्ताव बिहार विधानमंडल से पारित हुआ था तब एनडीए की सरकार थी.बीजेपी नेता ने बोला कि 2022 में बिहार मंत्री परिषद ने जातीय गणना कराने का फैसला लिया तब भी एनडीए की सरकार थी. 

सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी थी व नीतीश को सीएम बनाई हुई थी. 

कमजोर वर्ग का विकास हो इसके लिए हम लोगों ने जातीय गणना का समर्थन किया था, लेकिन मौजूदा बिहार सरकार सब गड़बड़ कर दी. उन्होंने बोला कि आर्थिक सर्वेक्षण को जल्द पेश किया जाए. लोगों से आर्थिक स्थिति के बारे में भी पूछा गया था. लालू बोल रहे हैं जिसकी जितनी संख्या उसकी उतनी हिस्सेदारी. नीतीश पर कुर्सी छोड़ने का दबाव बना रहे हैं. कुर्सी छोड़ने के लिए नीतीश को बोल चुके हैं.तारकिशोर प्रसाद ने बोला कि पीएम मोदी से नीतीश कुमार मिले थे. सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल लेकर गए थे. जातीय गणना की मांग की थी. उसमें बीजेपी भी थी, लेकिन केंद्र सरकार नीतीश के हिसाब से नहीं चलेगी. बिहार में बीजेपी ने नीतीश को सीएम बनाया और जातीय गणना का भी समर्थन किया. बार-बार क्यों जेडीयू बोलती है कि केंद्र के मना करने के बाद बिहार सरकार ने अपने से जातीय गणना कराई?


إرسال تعليق

0 تعليقات
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

live