हमे भी पता है कि नीतीश कुमार के राज में पदाधिकारी बेलगाम हो गए हैं.
जब हम साथ में थे तो बोला करते थे कि यहां पदाधिकारी मंत्री या विधायक की बातों को नहीं सुनते हैं. सिर्फ आपकी (नीतीश कुमार) बातों को सुनते हैं. यही वजह है कि भ्रष्टाचार और घूसखोरी बढ़ी है. लोग असहाय महसूस कर रहे हैं. हालांकि इसका मतलब यह नहीं है कि किसी के मुंह पर थूक दो, जूता का माला पहना दो.गया में सोमवार को पत्रकारों से वार्तालाप में मांझी ने जातीय गणना पर बोला कि हिंदुस्तान की शैक्षणिक स्थिति 80% है. एससी जाति में 28 से 30 प्रतिशत ही शिक्षित हैं. गरीबों की जनसंख्या को कम आंका गया है. एससी को दो भागों में बांटा गया है. 1931 में जिसकी आबादी 5 से 8 प्रतिशत हो गई, लेकिन एससी जाति में पहले 3 प्रतिशत था आज भी 3 प्रतिशत ही है जबकि यह रिपोर्ट है कि अमीरों की तुलना में गरीबों की जनसख्या ज्यादा बढ़ती है. एससी जाति में दुगुना या तीन गुना वृद्धि होनी चाहिए थी.मांझी ने बोला, "वह समझते हैं कि अभी बीजेपी से मुसलमान डर रहे हैं और मेरे साथ में चल रहे हैं, तो तुष्टिकरण के लिए उन्होंने (नीतीश कुमार) मुसलमानों के साथ बैठक बुलाई है. अब किसी और जाति के साथ भी बैठक बुलाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है कि आखिर गणना की रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए किसने बोला और क्यों की गई?"इजराइल और हमास के बीच हुए युद्ध पर बोला कि ट्वीट के आधार पर कोई भी आतंकवादी घटना का विरोध करते रहे हैं. अपने ट्वीट से यू टर्न लेते हुए बोला कि उन लोगों ने फिलिस्तीन पर जानबूझकर किया है. अब जब समय गुजरा तो पॉलिटिकल नजरिया के अनुकूल पीएम मोदी इजरायल के साथ हैं. कई देशों ने भी इजरायल का समर्थन किया है. बताया कि जो ट्वीट किया गया है वह मेरा व्यक्तिगत ट्वीट था.